दुनिया के सात अजूबे

हम अक्सर लोग के मुह से सुनते रहते हैं कि ये दुनिया के सात अजूबों में से एक है पर क्या आप को सच में पता है कि ये साथ अजूबे कौन से हैं और दुनिया में कहा कहा हैं अगर नहीं तो कोई बात नहीं आज आपको सातों के बारे में पता चला जाएगा.

1. चिचेन इत्ज़ा :-

चिचेन इत्ज़ा मैक्सिको का एक बहुत पुराना मयान मंदिर है इसका निर्माण 600 ईसा पूर्व में हुआ था चिचेन इत्ज़ा का माया मंदिर 5 किलोमीटर में फैला हुआ है यह 79 फीट ऊँचा है जो पत्थरों से पिरामिड की आकृति का बना है मंदिर में उपर जाने के लिए चारों दिशाओं से सीढियां बनी है, टोटल 365 सीढियां है हर दिशा से 91 सीढियां है कहते है हर एक सीढ़ी एक दिन का प्रतिक . इसे दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया है.

2. क्राइस्ट दी रिडीमर :-

क्राइस्ट दी रिडीमर ब्राजील के रियो डी जनेरिओ में स्थित है दुनिया एकलौते जीवते परमेश्वर ईसा मसीह की 38 मीटर, (लगभग 130 फीट) ऊँची और 28 मीटर चौड़ी यह प्रतिमा, दुनिया के अजूबों में से एक है इस मूर्ती का निर्माण 1922 में शुरू हुआ था, जो 12 अक्टूबर 1931 को इस जगह पर स्थापित किया गया था. यह मूर्ती क्रांकीट और पत्थर से बनी है.

3. चीन की दिवार :-

चीन की इस विशाल दीवार को दुनिया में सब जानते है यह दीवार शासकों द्वारा अपने राज्य की रक्षा के लिए बनाई गई थी इसका निर्माण सातवीं शताब्दी से 16 वीं शताब्दी तक हुआ था इस चीन की दीवार की विशालता को वैज्ञानिक ने अंतरिक्ष से भी देखा है चीन की दीवार लगभग 6400 किलोमीटर तक फैली है और यह 35 फीट ऊँची है.

4. पेट्रा :-

पेट्रा शहर साउथ जॉर्डन में बसा है जिसकी कलाकृति सात अजूबों में शामिल है यह एक एतेहासिक और पुरातात्विक शहर है यहाँ पत्थर को काटकर कलाकृति बनी है इसलिए इस शहर को रोस सिटी भी कहा जाता है इसका निर्माण लगभग 312 ईसा पूर्व में हुआ था यहाँ ऊँचे ऊँचे मंदिर है जो आकर्षण का केंद्र है।

5. ताजमहल :-

भारत की शान ताजमहल भी दुनिया के सात अजूबों में से एक है अपनी खूबसूरत कलाकारी, आकृति की वजह से इसे अजूबा बोला गया था. ताजमहल का निर्माण 1632 में शाहजहाँ द्वारा अपनी बीबी मुमताज के लिए करवाया गया था जो प्यार की एक निशानी मानी जाती है कहा जाता है है कि ताज महल बनाने वाले मजदूरों के हाथों को कटवा दिया गया था जिससे दोबारा ऎसा ताज महल न बनाया जा सके.


6. रोम का कोलोसियम :-

रोम का कोलोसियम रोम के इडली में बसा ये एक विशाल स्टेडियम है इसका निर्माण 72 ईसा पूर्व में शुरू हुआ था जो 80 ईसा पूर्व में पूरा हुआ था यहाँ 50 हजार से 80 हजार लोग बैठ सकते है यहाँ जानवरों की लड़ाई, खेल कूद, संस्कृतिक कार्यक्रम होते थे इस जैसी आकृति को बनाने की कोशिश कई इंजिनियरों द्वारा की गई, लेकिन ये एक तरह की पहेली है, जिसे आज तक कोई सुलझा पाया है.


7. माचू पिच्चु :-

दक्षिण अमेरिका के पेरू में स्थित माचू पिच्चु एक ऊँची छोटी पर स्थित शहर हुआ करता था 15 वीं शताब्दी के समय यहा इंका सभ्यता रहा करती है इतनी ऊंचाई में शहर कैसे बसा, ये सोचने वाली बात है और यही इसे दुनिया का सातवाँ अजूबा बना देता है 1911 में अमेरिका के इतिहासकार हीरम बिंघम ने इसकी खोज की और इसे दुनिया के सामने लाए.


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